खुशीयाँ

 खुशीयाँ कैद नहीं रहती किसी तहखाने में. ना ऊची हवेली में. ना ही बड़े घराने में. देखा है मैने अक्सर उन्हें . विचरण करते हुए. हरे -भरे खेतों में. खलिहानो में. खूबसूरत खुले मैदानो में. नतमस्तक होते देखा है. मंदिर में.गुरूद्वारे में. प्रकृति के ख़ूबसूरत नजारे में. खिलखिलाते देखा है. दोस्ती में. यारी में.