बार-बार घड़ी देखना, अब छोड़ दिया मैने,
उसका इंतजार करना, अब छोड़ दिया मैंने ।
ख़ुदा की इबादत करना ही भूल गया हूँ मैं,
मंदिर-मस्ज़िद में जाना, अब छोड़ दिया मैंने ।
अपनी क़लम पर ही भरोसा कर रहा हूँ मैं,
उस पर भरोसा करना, अब छोड़ दिया मैंने ।
अब नई पोशाकें पहनने की ज़रूरत नहीं मुझें,
रोज़ उससे मिलने जाना, अब छोड़ दिया मैंने ।
अपनी परछाई के साथ जीने लग गया हूँ मैं,
इस दुनिया सहारे जीना, अब छोड़ दिया मैंने ।
चाहें तुम अपने साथ हज़ार पत्थर ले आना,
अपना दिल शीशा बनाना, अब छोड़ दिया मैंने ।
तन्हाइयों के साए रास आने लग गए हैं मुझें,
भरी महफ़िलों में जाना, अब छोड़ दिया मैंने ।
वो गली, वो मोहल्ला, अब याद नही रहा मुझें
उस घर, उस गली जाना, अब छोड़ दिया मैंने ।
- Talvindra Kumar
रचनाकार का परिचय :-
1- रचनाकार पूरा नाम :- तलविंद्र कुमार
2- पिता का नाम :- प्रभुराम जी कड़ेला
3- जन्म तारीख़ :- 20/05/1998
4- फोन नम्बर एवं वाट्सएप नम्बर :- 9549256240
5- स्थायी पता :- गाँव- डेरिया, तह.- बालेसर, जिला - जोधपुर